लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Luv - अक्टूबर 20, 2017 मेरी हथेली कुछ देर जाँचकर कहा उसने उदास सिर हिलाकर कल दिन में आना बेटा बस रातभर में भाग्य बदलकर. लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
लेखक: Luv - अक्टूबर 20, 2017 देख रहा था वह भौचक्का एक जब आया था धक्का भक्तों की भीड़ थी जिसने रोंदा सब, कुछ न रख्खा. और पढ़ें
लेखक: Luv - अक्टूबर 20, 2017 सपना जिसे स्वर्ग मिलता है मरकर क्या खुश रहता है? जब लाश पड़ी सड़ती उसकी जैविक चक्र कौन रचता है? और पढ़ें
लेखक: Luv - अक्टूबर 20, 2017 जो सपने मर जाते हैं मर कर कहाँ जाते हैं? कौन पालता है उन्हें जिन्हें वे अनाथ छोड़ जाते हैं? और पढ़ें
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