लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप लेखक: Luv - सितंबर 26, 2017 संयम का जीवन - एक बंदीगृह अनर्गल व्यय - एक और कारागृह शीशी में उतार लो जीवन मैं पीकर तोडूं सारे गृह. लिंक पाएं Facebook X Pinterest ईमेल दूसरे ऐप टिप्पणियाँ
लेखक: Luv - अक्तूबर 20, 2017 रात देखे अपने मैले हाथ कटोरी पंजे वाले के साथ कल की सबसे बड़ी ख़ुशी - खूब धो चमकाना अपने हाथ. और पढ़ें
लेखक: Luv - अक्तूबर 20, 2017 होटल की चाय हलकी गरम बिस्तर भी नहीं ज्यादा नरम लुटाने तो आँसू ही हैं पालें क्यों पैसों का भरम? और पढ़ें
लेखक: Luv - अक्तूबर 20, 2017 देख रहा था वह भौचक्का एक जब आया था धक्का भक्तों की भीड़ थी जिसने रोंदा सब, कुछ न रख्खा. और पढ़ें
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