गंध मुद्रित नए पन्नों की ध्वनि उड़ती कुछ रसीदों की फिर से जग उठी मुझमें तलब कड़कते कुछ नोटों की.
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सितंबर, 2017 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
नया काव्यरूप।
4 पंक्तियों का व्यंजनापूर्ण मुक्तक।
प्रत्येक पंक्ति में 5 शब्द।
पंक्ति 1,2,4 में तुक का निर्वाह।
कुल 5×4=20 शब्दों की कविता।